प्रिंटर खरीदते वक्त क्या क्या बातों का ध्यान रखना चाहिए Explain different type of Printers
Printers Kya hota hai : प्रिंटर एक external output डिवाइस है जो की कंप्यूटर से डाटा इनपुट लेती है एंड इसका आउटपुट हार्ड कॉपी की फॉर्म मे मतलब पेपर पर प्रिंट करके देती है| प्रिंटर डिवाइस इनपुट मे टेक्स्ट एंड ग्राफ़िक कंटेंट accept कर सकती है एंड accept की गयी इनफार्मेशन को पेपर पर print कर सकती है| अगर आपका प्रिंटर ब्लैक एंड वाइट है but इनपुट color है तो भी आउटपुट मे ब्लैक एंड वाइट ही प्रिंट होगा जबकि कलर प्रिंटर होने पर आउटपुट मे वही प्रिंट होगा जो की आप इनपुट मे देंगे| अलग अलग प्रिंटर्स की अलग अलग size, speed, memory एवं cost हो सकती है और actual कॉस्ट depend करती है की उसके features क्या क्या है| जितना महंगा प्रिंटर होगा उसकी memory, speed and resolution भी उतना ही अच्छा होगा|
आपने हार्डकॉपी टर्म तो बहुत सुनी होगी तो क्या आप जानते है इसका मतलब क्या होता है। यहाँ पर हम आपको बता दे की generally यह टर्म प्रिंटेड पेपर के लिए use की जाती है। जब कोई प्रिंटर पेपर पर प्रिंट करता है तो उस कॉपी को हार्ड कॉपी कहते है जो की एक सॉफ्ट कॉपी का या इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट का फिजिकल version होता है।
जो प्रिंटर्स हाई DPI (dots per inch) सपोर्ट करते है उनकी प्रिंटिंग क्वालिटी low DPI printer की तुलना मे ज्यादा अच्छी होती है क्योकि high resolution मे डॉक्यूमेंट को प्रिंट कर सकते है। ज्यादातर प्रिंटर कम्प्यूटर्स से कनेक्ट हो कर use किये जाते है जबकि बहुत सारे प्रिंटर्स business purpose के लिए केवल copying मशीन के लिए भी काम मे लिए जाते है| प्रिंटर्स को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के आलावा डिजिटल कैमरा से भी कनेक्ट करके डॉक्यूमेंट प्रिंट किया जा सकता है|
2 D and 3 D Printers : अभी कुछ समय पहले तो केवल 2 D printers ही काम मे आते थे लेकिन टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ साथ 3 D प्रिंटर भी पॉपुलर होते जा रहे है| 2 D printers तो वो सभी प्रिंटर्स है जो हम इतने सालो से देखते आ रहे है एंड पेपर पर डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए काम मे लेते है लेकिन 3 D प्रिंटर्स से अलग अलग तरह की shape डिज़ाइन करने के लिए काम मे लिए जाते है| 3 D printer का use करके कंप्यूटर से किसी image file को three dimensional सॉलिड ऑब्जेक्ट्स की शेप मे प्रिंट करते हुए बनाया जा सकता है| चलिए यहाँ पर हम आपको बताते है की 2 D प्रिंटर कितने तरह के होते है|
It can be classify in two main category –
Impact printers: ये प्रिंटर्स electro-mechanical मैकेनिज्म का उपयोग करते हुए प्रिंट करते है जिसमे की प्रिंटर के pins, रिबन एंड पेपर पर strike करते हुए print करते है। es वजह से ये प्रिंटर, प्रिंटिंग के समय आवाज करते है। Example of Impact Printers – Line, Dot Matrix, Drum, daisy wheel printers|
Non-impact printers : ये प्रिंटर्स इम्पैक्ट प्रिंटर्स की तुलना मे ज्यादा शांत होते है एवं प्रिंटिंग करते वक़्त आवाज नहीं करते क्योकि इसमें Pins स्ट्राइक करने जैसा कुछ नहीं होता। इस तरह के प्रिंटर की क्वालिटी एवं स्पीड ज्यादा अच्छी होती है। Examples of Non impact Printers – Ink Jet, Laser Printers|
प्रिंटर खरीदते वक्त क्या क्या बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- प्रिंटर मेमोरी : अगर आपके प्रिंटर की मेमोरी ज्यादा होगी तो आप बड़ी files जिसमे images, tables या rich कंटेंट हो वो easily प्रिंट कर सकते है| इसलिए प्रिंटर लेने से पहले इसकी memory जरूर चेक कर लेनी चाहिए|
- Resolution – प्रिंटिंग क्वालिटी प्रिंटर के resolution के ऊपर depend करती है इसलिए आपको देख लेना चाहिए की प्रिंटर कितना resolution support कर सकता है|
- Color or Black & white Printer : आपको आपकी जरूरत के अनुसार Printer choose krna chahiye |
- Printing Cost – जब आप प्रिंटर लेते है तो ये जानना जरुरी है की हर page प्रिंट करने पर कितनी कॉस्ट आती है| इसके लिए printer cartridge की cost पता करनी चाहिए |
- Number of pages it can print in a single cartridge – एक cartridge मे प्रिंटर कितने पेज प्रिंट कर सकता है ये जानने से आपको printing कॉस्ट निकालने मे आसानी होगी|
- Cost to refile cartridge – एक बार cartridge खाली हो जाती है तो उसको riffle करने की cost क्या आती है ये जानना बहुत जरुरी है|
- Printer Network प्रिंटर है या नहीं – अगर आप चाहे तो प्रिंटर को नेटवर्क या wifi से कनेक्ट करके भी प्रिंट ले सकते है| इसलिए अपनी जरुरत के हिसाब से ये देखना जरुरी है की आपको printer मे नेटवर्क चाहिए या नहीं|
- प्रिंटर स्पीड – प्रिंटर स्पीड जितनी ज्यादा होगी प्रिंटर उतनी ही फ़ास्ट स्पीड से पेपर प्रिंट कर सकेगा|