Antivirus software definition in Hindi : एंटीवायरस के प्रकार
Antivirus Software kya hota hai : Antivirus program एक सॉफ्टवेयर यूटिलिटी या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है जो की कंप्यूटर सिस्टम एंड नेटवर्क्स को कंप्यूटर वायरस से प्रोटेक्ट करता है | एंटीवायरस सॉफ्टवेयर की सहायता से कंप्यूटर को वायरस या किसी दूसरे मेलवेयर से इन्फेक्ट होने से बचाया जा सकता है | एंटीवायरस, कंप्यूटर सिस्टम के वायरस सॉफ्टवेयर को पता लगाते हुए उसको कंप्यूटर से रिमूव करता है | यहाँ पर हम जिस मेलवेयर की बात कर रहे है वो भी वायरस की जैसे ही होता है जिसका उपयोग करके कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने या इनफार्मेशन चोरी करने के लिए काम मे लिया जाता है | जब कंप्यूटर सिस्टम पर इन्सटाल्ड एंटी वायरस सॉफ्टवेयर किसी वायरस को डिटेक्ट करता है तो ये आपको एक वार्निंग मैसेज देता है की आप इसको रिमूव करना चाहते है, कुछ भी नहीं करना चाहते या फिर वॉल्ट मे मूव करना चाहते है | आप जो भी ऑप्शन choose करते है उसी अनुसार ये ऑपरेशन परफॉर्म करता है | Click here to read in English what is antivirus
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Antivirus
एंटीवायरस के उपयोग : एंटी- वायरस जैसे की नाम से पता चल रहा है की यह वायरस का एंटी होता है मतलब जहाँ पर भी वायरस होगा यह उसको रोकने के लिए काम करेगा । एंटी- वायरस सॉफ्टवेयर को केवल वायरस को ढूंढ कर रिमूव करने के लिए ही डिज़ाइन किया गया था लेकिन समय के साथ साथ जैसे जैसे इंटरनेट का उपयोग बढ़ता गया अलग अलग तरह के मेलवेयर एंड दूसरे रिस्की सॉफ्टवेयर डेवलप हो गए तो एंटी वायरस को भी अपडेट किया गया और आज एक एंटी-वायरस का काम केवल वायरस रिमूव करने के अलावा और भी दूसरे रिस्की सॉफ्टवेयर एंड फाइल्स को डिटेक्ट करके रिमूव करने का हो गया है एवं इसके लिए एंटी वायरस सॉफ्टवेयर मे functionality डेवलप की गयी है । इसलिए ही अब एक एंटी वायरस केवल वायरस के लिए ही नहीं बल्कि हैकर्स से प्रोटेक्ट करने के लिए भी काम मे लिया जाता है । एक एंटी वायरस अलग अलग तरह की कंप्यूटर थ्रेट्स से बचानें का काम करता है और बहुत तरह से आपके कंप्यूटर सिस्टम को प्रोटेक्ट करते है जैसी malicious ब्राउज़र हेल्पर ऑब्जेक्ट्स, रअनसोमवारे, key-loggers सॉफ्टवेयर, rootkits, trojan horses, worms, adware and spyware आदि । ये सभी टर्म्स कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए रिस्की मानी जाती है एवं एक अच्छे एंटी वायरस सॉफ्टवेयर से ये उम्मीद की जाती है की वो इन सभी खतरों से कंप्यूटर को सेफ रख सके ।
कंप्यूटर पर एंटी वायरस सॉफ्टवेयर क्यों जरुरी है : बहुत बार ये देखा गया है की बहुत सारे कंप्यूटर users अपने कंप्यूटर पर एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करने के प्रति गंभीर नहीं होते और बिना एंटी वायरस सॉफ्टवेयर के अपने कंप्यूटर को काम मे लेते है । इसका नतीजा यह होता है की उनके कंप्यूटर पर बहुत सारी प्रॉब्लम आने लगती है जैसे की कंप्यूटर का स्लो होना, कंप्यूटर हैंग होना, computer का अजीब तरह से व्वहार करना, कंप्यूटर के प्रोग्राम्स ओपन न होना या फिर कुछ और तरह की अनजान प्रोब्लेम्स । इन प्रॉब्लम्स का कोई भी कारण हो सकता है लेकिन ये भी बहुत chances है की ये सभी प्रोब्लेम्स किसी वायरस की वजह से हो । ज्यादातर उन computer को वायरस का रिस्क होता है जो की इंटरनेट के contact मे रहते है, किसी कॉमन नेटवर्क को share करते है, Wi-Fi, Bluetooth या फिर USB ड्राइव use करते है । क्योकि कंप्यूटर के अंदर तो कोई वायरस अपने आप नहीं आ सकता जब तक की कंप्यूटर बाहर किसी से कनेक्ट नहीं करता । इसलिए ही अगर आपका कंप्यूटर किसी भी तरह से नेटवर्क या फिर भर दूसरे content को access करता है तो कंप्यूटर सिस्टम पर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का होना जरुरी है ।
फ्री or पेड Antivirus सॉफ्टवेयर कैसे काम करते है : आज की डेट मे पेड एंटी वायरस सॉफ्टवेयर के अलावा बहुत सारे फ्री एंटीवायरस सॉफ्टवेयर मार्केट मे उपलब्ध है जिनको आप फ्री डाउनलोड करने के बाद इनस्टॉल कर सकते है हालांकि फ्री एंटीवायरस use करना recommend नहीं किया जाता क्योकि ये पूरी तरह सिक्योर नहीं होते और बहुत सारे latest virus, मैलवेयर, worm, एंड spyware को catch नहीं कर सकते । फ्री एंटीवायरस सॉफ्टवेयर मे बहुत सारे फंक्शन भी नहीं होते जिनको use करके आपके कंप्यूटर को सिक्योर बना सके । ये कहा जाता है की फ्री एंटीवायरस सॉफ्टवेयर signature-based detection टेक्निक को use करते हुए आपके कंप्यूटर पर वायरस सर्च करते है जिसमे की कंप्यूटर पर केवल उन वायरस या मेलवेयर को सर्च किया जाता है जिन वायरस या मैलवेयर का पैटर्न पहले से ही identity हो | जबकि पेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर signature-based detection टेक्निक के साथ heuristics टेक्निक (रिसर्च के साथ अनुमान लगाने वाला तरीका) को भी use करते है जिससे कोई भी नए वायरस या थ्रेट को उनके genetic signature से identify किया जा सकता है । इसके साथ कंप्यूटर पर वायरस को identify करने के लिए behavioral टेक्नीक को भी use किया जाता है जिसमे वायरस का पता कंप्यूटर पर फाइल के behavior के अनुसार भी पता लगाया जाता है |
Antivirus Software features –
- Real-Time Scanning
- On Access Scanning
- On Demand Scanning
- Full System Scans
- Auto clean
- Automatic Updates
- Mail protection
कोई भी Antivirus सॉफ्टवेयर परचेस करने के बाद जब आप उसको अपने computer पर इनस्टॉल कर लेते है तो आपको हर कुछ दिनों मे उस एंटी वायरस सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना चाहिए क्योकि हर कुछ दिनों मे नए नए वायरस डेवलप होते रहते है और उन नए वायरस से फाइट करने के लिए एंटी वायरस कंपनी सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहती है । कंपनी के किये गए ये updates आपको तभी मिलेंगे जब आप अपने कंप्यूटर पर इनस्टॉल एंटी वायरस सॉफ्टवेयर को इंटरनेट से कनेक्ट करके या तो manually अपडेट करंगे या फिर सॉफ्टवेयर मे सेटिंग कर देंगे की हर कुछ दिनों मे वो अपडेट चेक करके अपडेट करते रहे । ध्यान रहे ये बहुत जरुरी सेटिंग है इसको अवॉयड ना करे।
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Hello sir. Maine dell ka ek naya laptop (4GB,i3) liya hai. Mujhe laptop kharide 2 mahine ho gaye hai. Mai usme ek badiya antivirus dalna chahta hu. Mai apne laptop me wifi, mobile usb connect aur internet use karta hu. Iske liye ek badiya antivirus bataye jo mere laptop k liye badiya ho. 550rs ke aas paas dam ho.
Vaise to market mai 250 rupees se leker 2500 tk bahut saare anti virus available hai lakin aapko ek baat dekhni hai ki jo bhi anti virus le wo km se km 3 years ke liye subscription hona chahiye nahi to aapka anti virus 1 saal ke baat expire ho jayega aur eske liye aapko phir se renew krna hoga | Quick Heal Anti Virus Pro 500 Rupees (approx) ka ek saal ke liye aata hai and three years ki price 1200 approx hai…Ye accha anti virus hai jo aap pruchase kr skte hai |
nice information